top of page

Raal Series 1



Namaskar




साधारणत: यदि कोई व्यक्ति किन्हीं अन्य व्यक्तियों से उनकी रुचियों -अरुचियों के सम्बंध में वार्तालाप करता है तो उसे उनके उत्तरों में असाधारण विविधताओं का भान होता है।वह अनुभव करते हैं की उसके चारों ओर प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अपनी रूचियाँ या अरुचियाँ हैं। ये सभी शारीरिक स्तर से ही उत्पन्न होती हैं! जैसे :-


1. मस्तिष्क


2. हृदय


3. जठर


4. गुहिय


ये सभी चार विभिन्न स्तरों पर प्रक्षेपित होती हैं।जैसे :-


1. मानस – विचार प्रदर्शन जैसे की मौन


2. वचन – अभिव्यक्ति


3. कर्मण – कार्य या क्रिया से सम्बंधित


4. अकर्मण – निष्क्रियता


हमारे भीतर कुछ तो है, कोई तो है जिसके कारण ये प्रक्षेपण हमारे जीवन में घटित होते हैं।कोई तो है जो जमें किसी निर्धारित दिशा में ले जाना चाहता है। परंतु मात्र यह विचार ही कोई ठोस कारण नहीं है की जिसका पालन कर हम इस दिशा में अनुगमन करें या इस दिशा में चल पड़ें ।


इस आवेग में समर्पित होने से पहले हमें इसके परिणामों के विषय में विचार अवश्य करना होगा।


अधिकतर व्यक्ति स्वयं की मूल रुचि या अरुचि का ज्ञान नहीं रखते हैं। उनकी तथाकथित रूचियाँ व अरुचियाँ उनके परिवार, मित्र, समाज या धर्म के प्रतिबंधित ( conditioned) मानदंडों से उत्पन्न होती है।


चैतन्यता की इस सुप्तवस्था के कारण ही व्यक्ति दिशाहीन रूचियों व अरुचियों को लक्ष्य बना उनकी और भागता है, यही कारण है की उसके स्वयं (self) के विकास का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।



“राअल” का अभ्यास अपकी चैतन्यता को जागृत करता है तथा आपके क्षणिक सुख भोगने के मूर्खतापूर्ण विचारों से आपको अवगत कराता है।



यह आपको आपके दुःख, कष्ट व पश्चात्ताप के पीछे विद्यमान मूल कारणों को जानने में आपकी मदद करता है।


इस अभ्यास से आध्यात्मिक प्रगति में अवरोध की सतहें शन: शन: नष्ट हो जाती हैं। तथा मनुष्य के भीतर बुद्धिमत्ता व स्वयं के प्रति जगरूकता का ज्ञानोदय होता है। यह मनुष्य को उस आनंद की अनुभूति स्वीकारने में सहायता प्रदान करता है जोकि महानतम, पवित्रतम व परम कल्याणकारी है।

~ मैत्रेय रूद्राभयानन्द


#मैत्रेय #आत्मा #रायल


Soul Searchers intends to raise the consciousness of people and to help create a turning point on this planet—a world where people are in tune with their inner-selves, living healthy and creative lives and are no longer swayed by religious dogma or politics.  The purpose is to bring the state of righteousness (dharma) back again in current state of political turmoil and selfishly motivated people.  We believe the truth can be known and realised through guided and workable ways. Thousands have benefited from the process of initiation and share them with your friends and family and together we’ll touch and transform lives. 

# Soulschennai


Recent Posts

See All

Homage to Ancestors

Namaskar to everyone, perhaps, its yearly time for paying homage to ancestors. This is one of the oldest tradition that has been followed...

コメント


bottom of page